नौकरीपेशा के लिए अच्छी खबर, टैक्स का भार घटेगा, सरकार चुपके से कर रही बड़ा आयकर सुधार
income Tax: नए कानून में न सिर्फ नौकरी पेशा लोगों पर कर का भार कम किया जाएगा, बल्कि रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया भी सरल बनाई जाएगी. इसके फलस्वरूप करदाताओं की तादाद में वृद्धि होगी.
नया प्रत्यक्ष कर कानून लगभग पूरा हो चुका है. (रॉयटर्स)
नया प्रत्यक्ष कर कानून लगभग पूरा हो चुका है. (रॉयटर्स)
सरकार आयकरदाताओं पर कर का भार कम करने और अनुपालन को सुगम बनाते हुए चुपके से बड़ा आयकर सुधार ला सकती है. बताया जाता है कि मौजूदा कर कानून को दुरुस्त करने का काम पूरा हो चुका है, लेकिन आम बजट 2019-20 से पहले जनता की अपेक्षाओं को लेकर इसे रोक लिया गया है.
एक अधिकारी ने बताया, "यह (नया प्रत्यक्ष कर कानून) लगभग पूरा हो चुका है. इसे बजट के बाद लाया जाएगा, क्योंकि हमारा ध्यान वित्त विधेयक पर
केंद्रित है." हालांकि अधिकारी ने इस संबंध कोई ब्योरा नहीं दिया. उन्होंने कहा, "अगर मसौदा अभी आता तो अनावश्यक अपेक्षाएं पैदा हो जाती."
अधिकारी ने संकेत दिया कि नए कानून में न सिर्फ नौकरी पेशा लोगों पर कर का भार कम किया जाएगा, बल्कि रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया भी सरल
बनाई जाएगी. इसके फलस्वरूप करदाताओं की तादाद में वृद्धि होगी.
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दशकों पुराने आयकर अधिनियम की जगह आने वाले नए कानून का मसौदा करने करने के लिए टास्क फोर्स को उसकी रिपोर्ट सौंपने के लिए 26 मई को
दो महीने का और समय दिया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब देखा कि मौजूदा कानून 50 साल पुराना है और इसे समकालीन बनाने के लिए दोबारा इसका मसौदा बनाने की जरूरत है तो पहले नवंबर 2017 में समिति का गठन किया.
सीबीडीटी के सदस्य अखिलेश रंजन टास्क फोर्स के अध्यक्ष हैं. इसके सदस्यों में गिरीश आहूजा (चार्टर्ड अकाउंटेंट), राजीव मेमानी (ईवाई इंडिया के चेयरमैन
व रीजनल मैनेजिंग पार्टनर), मुकेश पटेल (प्रैक्टिसिंग टैक्स एडवोकेट), मानसी केडिया (कंसल्टेंट आईसीआरआईईआर) और जी. सी. श्रीवास्तव (सेवानिवृत्त आईआरएस अधिकारी व अधिवक्ता) शामिल हैं.
ग्रांट थॉर्नटन एडवायजरी के डायरेक्टर रियाज थिंग्ना ने कहा, "आयकर कानून का दोबारा मसौदा तैयार करने का यह तीसरा प्रयास है. अगर नए कानून में
विभिन्न न्यायाधिकार संबंधी अदालतों के निर्धारित कानून को शामिल किया जाता है तो यह पूर्ण कानून होगा. इससे मुकदमों में काफी कमी आएगी."
08:38 AM IST